
उज्जैन। एक ओर जहां केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने फिल्म पदमावती पर ऐतिहासिक तथ्यों से छेडछाड का आरोप लगाया है, वहीं, भाजपा के उज्जैन सांसद...
उज्जैन। एक ओर जहां केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने फिल्म पदमावती पर ऐतिहासिक तथ्यों से छेडछाड का आरोप लगाया है, वहीं, भाजपा के उज्जैन सांसद चिंतामणि मालवीय भी फिल्म पदमावती के विवाद में कूद पडे हैं। इससे फिल्म को लेकर राजनीति शुरु हो गई है। सांसद ने फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट की है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि भंसाली जैसे लोग सिर्फ जूते की भाषा समझते हैं। सांसद व प्रदेश भाजपा प्रवक्ता मालवीय ने लोगों से अपील भी की कि लोग इस फिल्म को न देखें।
सांसद ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा कि, मैं फिल्म पदमावती का पुरजोर विरोध और बहिष्कार करता हूं। मेरे शुभचिंतकों से अनुरोध करता हूं कि वे फिल्म को न देखें। फिल्म बनाकर चंद पैसों के लालच के लिए इतिहास से छेडछाड करना शर्मनान और घृणित कार्य है। हर भारतीय नारी की आदर्श रानी पद्मावती जी पर भारतीयों को गर्व है। रानी पद्मावती ने अपने सतीत्व और देश औऱ समाज की आन बान शान के लिए हजारों नारियों के साथ स्वयं को आग में झोंक दिया था । उसे तोड़ मरोड़ कर दिखाना वास्तव में इस देश का अपमान है । भंसाली जैसे लोगों को कोई और भाषा समझ नहीं इन जैसे लोगो को सिर्फ जूते की भाषा ही समझ आती है । यह देश रानी पद्मावती का अपमान नही सहेगा ।
भाजपा सांसद ने अपने पोस्ट में फिल्म जगत के लोगों के लिए आपत्तिजनक टिप्पणी भी की है जिसको लेकर भी विरोध शुरू हो गया है| भाजपा सांसद ने अपने पोस्ट में लिखा है हम गौरवशाली इतिहास के साथ छेड़खानी भी बर्दाश्त नही कर सकते । अलाउद्दीन खिलजी के दरबारी कवियों द्वारा लिखे गए गलत इतिहास पर संजय लीला भंसाली ने पद्मावती फ़िल्म बना दी है । यह न सिर्फ गलत है बल्कि निंदनीय है । जिन फिल्मकारों के घरों की स्त्रियां रोज अपने शौहर बदलती है वे क्या जाने जौहर क्या होता है ? अभिव्यक्ति के नाम पर संजय भंसाली की मानसिक विकृति नही सहन की जाएगी।