
भोपाल । एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ अनारक्षित वर्ग के 114 संगठनों ने गुरुवार को भारत बंद को लेकर किए आव्हान का असर आज व्यापार तौर पर...
भोपाल । एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ अनारक्षित वर्ग के 114 संगठनों ने गुरुवार को भारत बंद को लेकर किए आव्हान का असर आज व्यापार तौर पर मध्यप्रदेश में चहुंओर देखेने को मिल रहा है। राजधानी भोपाल सहित राज्य में कई स्थानों पर पुलिस और आम लोगों के बीच बंद को लेकर गहमा-गहमी सुबह से ही देखने को मिल रही है। शासन ने यहां 22 जिलों में धारा 144 लागू कर रखी है, तो वहीं लोग सड़कों पर उतरने से परहेज नहीं कर रही हैं। इसे देखते हुए गुरुवार को सीबीएससी बंद हैं दूसरी ओर कई निजि विद्यालयों ने भी इस बंद में बच्चों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए अपने स्कूल स्वैच्छा से बंद रखे हैं। प्रदेश में ग्वालियर-चंबल अंचल में बंद का खासा असर देखने को मिल रहा है।
बतादें कि इस बंद को मप्र में सपाक्स समाज संस्था ने समर्थन दिया है। बंद के दौरान प्रदेशभर में व्यापारिक प्रतिष्ठान, पेट्रोल पंप सहित बाजार बंद है । जबकि सभी संगठनों ने मेडिकल एवं दूध सप्लाई समेत रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं को बंद से बाहर रखा है। इनकी ब्रिकी सुचारु रूप से यहां हो रही है।
सपाक्स के संरक्षक हीरालाल त्रिवेदी ने हिस से कहा है कि हमने शांतिपूर्ण तरीके से अपना प्रदर्शन कर रहे हैं, हमें इस मुद्दों के लेकर अन्य कई संगठनों से भी समर्थन मिला हुआ है। शाम 4 बजे के बाद हमारा बंद समाप्त हो जाएगा। उधर, आज सुबह से ही प्रदेशभर में लोगों के कई समूह सड़कों पर देखे गए। जिसमें कि भोपाल में पुलिस और समान्य वर्ग समूह के लोगों के बीच कहा-सुनी होने के दृष्य भी सामने से देखे गए । इसे लेकर आईजी जयदीप प्रसाद ने कहा है कि शहर में धारा 144 नहीं लगाई गई है। स्वेच्छा से बंद रखने पर हमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन जबरदस्ती बंद करवाने वालो पर पुलिस अपनी करेगी। उन्होंने यह भी कहा, किसी ने भी पुलिस प्रशासन से धरने, प्रदर्शन करने तथा रैली निकालने की अनुमति नहीं ली है। उल्लेखनीय है कि पुलिस मुख्यालय ने मध्यप्रदेश के जिलों में साढ़े 10 हजार अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है।