
नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी लोकसभा की बैठक हंगामे के साथ शुरू हुई और कांग्रेस नेताओं सोनिया, राहुल गांधी से एसपीजी की सुरक्षा...
नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी लोकसभा की बैठक हंगामे के साथ शुरू हुई और कांग्रेस नेताओं सोनिया, राहुल गांधी से एसपीजी की सुरक्षा वापस लिये जाने के मुद्दे पर कांग्रेस, द्रमुक के सदस्यों ने पूरे प्रश्नकाल में आसन के समीप नारेबाजी की। शून्यकाल में इन दलों ने इस विषय पर सदन से वाकआउट किया। शून्यकाल में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने जब इस विषय को उठाने का प्रयास किया तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि कांग्रेस सदस्य पहले ही इस विषय को नियम-प्रक्रिया के तहत उठा चुके हैं। चौधरी ने कहा कि गांधी परिवार के सदस्यों की जान खतरे में है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी साधारण सुरक्षा प्राप्त करने वाले लोग नहीं हैं और 1991 से एसपीजी की सुरक्षा प्राप्त कर रहे थे। उन्होंने प्रश्न किया कि अचानक से एसपीजी सुरक्षा क्यों हटा ली गयी। लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि चौधरी इस विषय को पहले ही उठा चुके हैं। स्पीकर ने उन्हें आगे बोलने की इजाजत नहीं दी। संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस सदस्य के इस विषय पर कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस को स्पीकर खारिज कर चुके हैं। यह अब शून्यकाल का विषय नहीं है और इसे बिना नोटिस के कांग्रेस सदस्य कैसे उठा सकते हैं। इस पर कांग्रेस के सभी सदस्य खड़े होकर विरोध दर्ज कराने लगे। चौधरी को इस विषय पर आगे बोलने की अनुमति नहीं दिये जाने पर कांग्रेस और राकांपा के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया है। इसके बाद द्रमुक के टी आर बालू ने भी इस विषय को उठाने का प्रयास किया। लेकिन उन्हें भी बोलने की अनुमति नहीं दी गयी। जिसके बाद द्रमुक सदस्यों ने भी सदन से वाकआउट किया।