



लखनऊ/मुजफ्फरनगर। पेट्रोल, डीजल, गैस की बढ़ती कीमतों तथा महंगाई को लेकर कांग्रेस के भारत बंद का असर यूपी में भी दिखाई दे रहा है। राजधानी लखनऊ कानपुर,...
लखनऊ/मुजफ्फरनगर। पेट्रोल, डीजल, गैस की बढ़ती कीमतों तथा महंगाई को लेकर कांग्रेस के भारत बंद का असर यूपी में भी दिखाई दे रहा है। राजधानी लखनऊ कानपुर, मेरठ,मुजफ्फरनगर, इलाहाबाद, आगरा, वाराणसी समेत सभी जनपदों में भारत बंद का मिलाजुला असर है। कांग्रेस पदाधिकारी व कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर लोगों से बंद में शामिल होने का आह्वान कर रहे हैं। मुगलसराय में कांग्रेसियों ने दुकानों को बंद कराया है।
कांग्रेस भारत बंद का आह्वान कर विपक्षी एकजुटता की बात कह रही है, लेकिन यूपी में अपनी रणनीति में कांग्रेस फेल साबित होती हुई दिखाई दी। यूपी में समाजवादी पार्टी ने भी भारत बंद से अलग बढ़ती महंगाई और किसानों के मुद्दे को लेकर प्रदेशव्यापी धरने का ऐलान किया है। उधर बसपा ने कांग्रेस के भारत बंद के आह्वान पर चुप्पी साधी है।
राजनीतिक विश्लेषक डा. दिलीप अग्निहोत्री ने कहा कि भारत बंद के सहारे कांग्रेस 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकजुटता का प्रदर्शन करना चाहती है, हालांकि फिलहाल वह अपने मंसूबों में सफल होते दिखाई नहीं दे रही है। उत्तर प्रदेश की बात की जाय तो कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने विपक्षी एकजुटता के लिए काफी प्रयास किये, लेकिन सफल नहीं हुये। यूपी के तीन मुख्य विपक्षी दल-सपा, बसपा और कांग्रेस भारत बंद में अलग-अलग दिखाई दे रहे हैं।
भारत बंद को लेकर पुलिस प्रशासन भी पूरे प्रदेश में अलर्ट है। डीजीपी मुख्यालय ने पुलिस के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है। सभी जिलों में पुलिस फ़ोर्स को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। ट्रेन, स्कूल, बाज़ारों, बस अड्डों, रेलवे स्टेशन, सरकारी ऑफिस, कोर्ट में एंटी रॉयट उपकरणों के साथ पुलिस की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं। भारत बंद के दौरान भीड़ जुटने पर उसकी वीडियोग्राफी के निर्देश दिए गए हैं। सभी पुलिस कप्तानों को नागरिकों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है।